क्या याद है?
हम दोनों जब भी मिलते, सिर्फ हंसते थे। ९थ बी की क्लास में मैं तुमसे पहली बार मिली। मैं एक बहुत छोटे कॉन्वेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल से बहुत बड़े कॉन्वेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल में आ गई थी। स्कूल के समय के दोस्तों के बारे में सोचते है तो याद नहीं आता कि कैसे दोस्ती शुरू हुई। कॉलेज के दोस्तों के साथ कुछ कुछ याद रह जाता है। खैर, वो शुरुआत याद करने की ज़रूरत भी नहीं है। मुझे याद है में, वैशाली और प्रशांत बहुत हंसते रहते, पूरे दिन क्लास में। इतने सारे और वाकई बहुत अच्छे क्वालिटी के जोक्स हम मारते, अगर आज वैसे होते तो स्टैंड अप में खूब शोहरत कमा लेते। टीचर की नक़ल उतारना तो आम बात थी। फ़िर हम दोनों को क्लास के बाहर निकाल दिया जाता। पूरे साल क्लास में मैं एक ही लड़की थी, जो एक लड़के के साथ बाहर निकाल दी गई। एक टीचर को तो लगता की हमारा चक्कर चल रहा है। लेकिन हम दोनों की हंसी नहीं रुकती। हमारी क्लास में परमानेंट सीटिंग सिस्टम नहीं, रोटेशनल सीटिंग सिस्टम होता था। मुझे लगता है कि हम दोनों ही इंतजार करते की कब एक दूसरे के अगल बगल वाली बेंच पर बैठ जाए और फ़िर से हंसना चालू करे। मतलब हर १५ मिनट में एक न...